हाँ तो सबसे पहले आदमी का चुनाव करें | आदमी का चुनाव करते समय आप एक बात का अवश्य ख़याल रखें की जिस आदमी को आप पकाना चाहते हैं| वो कैसा है ! यानि आदमी दो प्रकार के होते एक जिनके पास कुछ काम धाम नहीं है, मंद बुद्धि ! दुसरे वो जो बहुत बीजी रहते हैं और बुद्धि जीवी होते हैं |
अगर आप जल्दी पकाना चाहते है तो किसी बीजी आदमी को लीजिये ! अगर किसी निठ्ठले को लेंगे तो उलटा भी हो सकता है | पकाने की बजाय खुद पक जायेंगे |
सामग्री:
१) एक बीजी आदमी २) आप के पास पूरा समय ३) उल जुलूल बातों का स्टॉक लगभग ५-६ घंटे का |
अब पकाने की विधि को विस्तार पूर्वक बताते हैं | हाँ तो अब जिसको पकाना है उस आदमी को बिना सिंग पुँछ की बात बतानी शुरू कीजिये, पकाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की बातों की आंच को इस तरह गोल गोल दें की बात का कुछ खुलासा न हो|
अगर आदमी बिच बिच में कहने लगे यार क्या बात कर रहे हो कुछ समझ में नहीं आ रहा है, तो समझिये की थोडा थोडा पक रहा है| उसकी बात को नजरअंदाज करते हुए अपनी बात को जारी रखिये|
जब पकने की कगार पे होगा तो हो सकता है वो अपने कान खुजाने लगे ! या कान पर हाथ फेरे ! ये पकने की निशानी है ( body language ) सो लगे रहिये|
कभी कभी आदमी ज्यादा आंच से गल भी सकता है यानी नींद भी ले सकता है, सो हिलाते रहिये सोने मत दीजिये! पूरी तरह पका हुआ आदमी गुस्सा भी हो सकता है सो थोडी सावधानी की भी आवश्यकता है |
अब आपका आदमी पक कर तैयार है क्यूंकि आगे और बात की आंच सहने करने की क्षमता नहीं है वो उठकर बस .....यार.... बोल कर जा रहा है लेकिन छोडिये मत पीछे सी आवाज़ दीजिये हेल्लो.... हेल्लो... टिप्पणी दे कर जाइए .... अगर पक गए तो ...वरना आगे लिखूंगा...... उसको पढियेगा.....
विधि तो सीख गयी .. एक बीजी आदमी और उल जुलूल बातों का लगभग ५-६ घंटे का स्टॉक भी तैयार कर लूं .. पर समय की कमी है .. कम समय में आदमी को पकाने की विधि बताएं .. तो मेरे लिए अधिक उपयोगी रहेगी !!
ReplyDeleteमजेदार प्रसंग,
ReplyDeleteरोचक !
ReplyDeleteHam pak gaye...aapne srtee-purush bhed nahee kiya iske liye shukriya!
ReplyDeleteBhaiya aadmi to ban gaya .... ab isko sudharne ki vidhi bhi bataado ....shayad desh ka maahol kouch sudhar jaaye ......
ReplyDeleteachchha pakate hai aap...... pakate rahiye!!
ReplyDeletewah kya pakaya hai badhai..
ReplyDeleteवाह . इस विधी को किसी फ़ाईव स्टार के सैफ़ को यानि संजीव कपूर कैसे को क्युं नही बताया अब तक?:)
ReplyDeleteरामराम.
अंधेरी रातों मे सुनसान राहों पर एक आदमखोर निकलता है
ReplyDeleteऔर जो भी मिल जाये उसको अपना शिकार समझता है
बिना काटे चाटे ही पकाना चालु कर देता है,बच सको तो बचो
नही बच सको तो बचने का रास्ता मुरारी जी से पुछो?
रेसिपी पसंद आई लेकिन क्या करें पका-पका खाने की आदत है,
कौन पकाए?
पकेले को और क्या पकाओगे! :-)
ReplyDeletebahut khoob & dilchasp
ReplyDeletebade kaam ki vidhi hai
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बढ़िया!
ReplyDeleteघुघूती बासूती
क्या बात है अब पका लिया तो अब हमे खाओ भी:)
ReplyDeleteवाह पारीक जी गज़ब का लिखा है आपने और बिल्कुल सठिक ! बहुत ही रोचक, मज़ेदार और दिलचस्प लगा!
ReplyDeleteham radio sunne ke aadi hai is liye jaldi pakenge nahin ...aap bolte rahen hamne kaan me earfon pahankar rakha hua hai ...
ReplyDeletehahahahahahha......
अईयो, हम इधर आके सही मे पक गये ! लगा था कि आप आदमी के व्यँजन बनाने की विधी देँगे ! एक बार हमारे स्वामी जी ने भरवाँ उँट बनाने की विधी दी थी, उस चक्कर मे हम यँहा भी आ गये थे !
ReplyDeleteसचमुच काम की बात बताई। अब कोई ऐसा आदमी मिला, तो आपकी बातें जरूर आजमाउंगा।
ReplyDeleteधन्यवाद।
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बहुत घातक है प्रेमचन्द्र का मंत्र।
हिन्दी ब्लॉगर्स अवार्ड-नॉमिनेशन खुला है।
एक बात भूल गए हजूर ....इस पकाने की विधि के लिए जाकेट प्रूफ़ कपडे पहनने जरुरी हैं और सर पे हेलमेट .....!!
ReplyDeleteMurariji.....aadmi pakanaa to seekh liya.... ab isko khaaya kaise jaye?
ReplyDeleteभयंकर पक गये..क्या टिप्पणी देकर जायें, महाराज!!
ReplyDeleteपक गए भाई...बल्कि अब तो गलने की हद तक पहुँच गए हैं :)
ReplyDeletePakane me to ustad nikle aap!Aur hume bhi sikha diya...
ReplyDeleteक्या पकाया है. खूब तरीका आजमाया है.
ReplyDeleteइस विधि(रचना) में स्वाद है.
- सुलभ