ढंग से रहो पाड़ोसी वरना कर देंगे बेढंगा ||  
पता नहीं क्या तुमको कैसे वीर जवान हमारे है| 
डाट डाट रक्खा है इनको कबसे हाथ संवारे है || 
सिक्ख गोरखा जाट मराठा आसामी और बंगा | ढंग से रहो .... .|  
सोए शेर जवान हमारे क्यूँ इनको जगाते हो | 
ओ दुर्बुद्धि ओ नालायक क्यूँ अपनी मौत बुलाते हो|| 
चीर डालेंगे   पल में तुझको मार के अपना पंजा |  ढंग से रहो......|       
 
