खुशामदीद करता हूँ आप सभी का मैं "अक्स"|महफ़िल में सुनिए नीरज जी, ललितजी , और समीरलाल समीरजी की बेहतरीन रचनाएं! आप भी अपनी रचनाएं भेज सकते हैं sikkim@radiomisty.co.in पर NEERAJ JI 1.
अगर हंसने पर कोई टेक्स नहीं है | तो फिर क्यूं होठों को भींच रखा है, जाने दो अपने होठों को कानो तक फिक्र मत कीजिये हंसने से होठ नहीं फटते, बल्कि फटे दिल सिल जाते हैं, अगर मेरी रचना से आपको ज़रा सी भी हंसी आ जाए तो मेरा सौभाग्य!!
इसे ही कहते हैं गागर में सागर।
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बारिश की वो सोंधी खुश्बू क्या कहती है?
क्या सुरक्षा के लिए इज्जत को तार तार करना जरूरी है?
बहुत आभार..आनन्द आ गया.
ReplyDeleteवाह्! बहुत ही बढिया....
ReplyDeleteआभार्!
Waah! Maza aa gaya!
ReplyDeleteवाह ... क्या बात है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
शुभ कामनाएं
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श्रेष्ठ सृजन प्रतियोगिता
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क्रियेटिव मंच
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteVAAH ....... MAZAA LE RAHA HUN ......
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