बिना किसी सैट के और बिना कुछ कान में लगाए बात करते लोग सोचिये क्या नजारा होगा ! जब कोई आदमी एकदम फ्री बात करता नजर आयेगा
उसी के पास खडा पुराना ज़माना (या पुराने जमाने का आदमी) उसको देख रहा है रहस्यमय अंदाज में !
नया ज़माना बात कर रहा है : नहीं भाई नहीं ऐसा नहीं करना घाटे की गुन्जाईस ज्यादा है !
पुराना ज़माना: उसको हैरत से देखते हुए कहता है : सुनिए !!
नया ज़माना उससे दूर जाता है जैसे उसे एकांत चाहिए !
पर पुराना ज़माना पीछे पीछे फिर बात सुनता है नया ज़माना बात में लगा है: अरे भाई समझा करो ऐसा नहीं हो सकता उससे कहो कुछ ले दे कर डील आगे सरका दे !!!
पुराने जमाने के हाव भाव ऐसे हैं जैसे उसको लगता है ये आदमी पागल हो गया है !! लेकिन वेश भूषा देख के उसे लगता है की अभी ही पाग़ल हुआ है !
नया ज़माना बात चित जारी रखता है : देख भाई ऐसा हुआ तो मैं पागल हो जाउंगा!
पुराना ज़माना बुदबुदाता है : कमाल इसे लगता है अभी पागल होने की और गुन्जाईस है ! (नए जमाने को संबोधित करते हुए ): सुनिए भाई साब !
नया ज़माना: क्या है बे तब से देख रहा हूँ तुन मेरे पीछे लगा है !! ओह सोर्री भाई में तुमसे नहीं कह रहा था( चिप्स वार्ता में जिससे बात करता है उससे कहता है ) !
पुराना जमाना: तो किससे कह रहे हो मेरे अलावा कौन है यहाँ!
नया जमाना : अबे वो तो मैंने तेरे को ही कहा था ! (फिर फ़ोन पे) अरे नहीं भाई!!! मैं तुमसे नहीं कह रहा!
पुराना जमाना : कमाल है मुझसे ही कह रहे हो और फिर कह रहे हो की तुझसे नहीं कहा रहा!
नया ज़माना : अबे तेरे को ही तो बोला था और बोला क्या था बोल भी रहा हूँ सीधी तरह से यहाँ से फुट ले नहीं तो आज तेरी खैर नहीं !!!( उधर चिप्स वार्ता में फिरसे) अरे नहीं भाई आप कहां जाओगे आपसे नहीं कह रहा!
पुराना ज़माना: देख भाई तू आदमी भले घर का है तेरा मस्तिष्क संतुलन बिगड़ गया है जल्दी से इलाज कर देर हो गयी तो फिर ठीक ना हो पायेगा!!
नया ज़माना : एक मिनट भाई यहाँ एक बन्दा है ज़रा लाइन कट करना !( पुराना जमाना एक पागल की बातों का जिस तरह रिएक्श होना चाहिए वैसा ही रिएक्शन करता है )
नया ज़माना एक हलकी सी चोट करता है अपने माथे पे !( मतलब लाइन डिस्कनेक्ट करता है ) फिर पुराने जमाने से कहता है : क्या तकलीफ है मिस्टर आपको !
पुराना ज़माना : देखो भाई तकलीफ मुझे नहीं नहीं तकलीफ तुम्हे हैं !!
नया जमाना : तू कोई पाग़ल है !!
पुराना ज़माना : कमाल है ये भी भूल गया की पाग़ल ये खुद है! खैर इसका दोष नहीं पाग़ल अक्सर यही समझता है की सामने वाला पाग़ल है !!!ही.ही.ही.
नया ज़माना : देख भाई तू कौन है कहाँ से आया है अच्छी तरह से पूछ रहा हूँ बता दे !!
पुराना जमाना : भाई में सन २०१० हूँ ! और तू कौन है तुझे क्या तकलीफ है !!
नया जमाना : अबे मैं २०५० हूँ !!
पुराना ज़माना : तो क्या तुम मुझसे ४० साल आगे हो???
नया जमाना : बेशक भाई !
पुराना जमाना : तो क्या नए जमाने के पागल ऐसे होते हैं !!
नया ज़माना : अबे कौन पागल ?
पुराना जमाना : कमाल है तुम और कौन ?
नया जमाना : तुमने मुझमे पागलों वाले कौन से लक्षण देखे भाई !
पुराना ज़माना : अकेले बातें करना पहले मुझे डांटना फिर प्यार से समझाना ये पागलपन नहीं था तो और क्या था !!
नया ज़माना:( लम्बी हंसी हंसते हुए ) हा..हा..हा..हा..
पुराना जमाना : लगता है इसे फिर पागलपन का दौरा पडा है !
नया ज़माना : (अपनी हंसी पे काबू पाते हुए ) अरे भाई में फोन पे बात कर रहा था !!
पुराना ज़माना : लगता है ये फ़ोन की वजह से ही पाग़ल हुआ है !!
नया ज़माना : हां.हा..हां. नहीं नहीं मैं पागल नहीं हूँ भाई आज कल फोन कोई हाथों में ले कर नहीं घूमते सर में चिप्स डाली हुई है ये देख सर के ऊपर ये अरियल और ये देख कान के पास चार्ज करने के लिए तार !!
पुराना जमाना : ओह माई गोड! इतनी तरक्की !!!
नया जमाना : अब आप मेहरबानी करके जाइए !! कहने के बाद नया जमाना मुह से बोल कर नंबर मिलाता है नाइन नाइन थ्री कहता कहता चला जाता है|
पुराना जमाना बुदबुदाते जाता है : हे भगवान् ये क्या हो गया मोबाइल हाथ से निकल कर सर में घुस गया !!! अजीब लीला है तेरी !!! (आगे एक आदमी को और देखता है जो अकेला ही बात कर रहा है)
वो नाना की तरह चीख चीख कर बोल रहा है : अच्छा है अच्छा है सब सब मरेंगे सबके सब मरेंगे !!! इतने में नए जमाने का आदमी पुराने जमाने के बगल से एक गुजरता है!
पुराना ज़माना कहता है : हं हं हं फोन पे बात कर रहा है !
आदमी कहता है : जा तू भी उसके साथ बैठ जा !!
पुराना जमाना : क्यों ?
आदमी : अबे वो फोन पे बात नहीं कर रहा पाग़ल है !
पुराना जमाना : कैसे पता चला की वो फोन पे बात नहीं कर रहा पागल है ?
आदमी : अबे उसके सर पे तेरे को एरियल दिखा ? कान के पास चार्ज करने के तार दिखे?
पुराना ज़माना :( गोर से देखते हुए): नहीं भाई वो तो नहीं दिखा !
आदमी : बस! यही पहचान है एक पागल और मोबाइल धारी की!!!( कहकर आदमी चला गया )
पुराना ज़माना : कमाल है क्या पहचान है ! अगर किसी ने बिना अरियल और बिना charger वाली चिप्स तैयार कर ली तो क्या होगा!!!
क्यों परेशान हो रहे हैं, तब तक तो हमारे बाबा राम देव जी सबको योग विद्या मैं इतना फिट कर देंगे की बस जिस से बात करनी हो उसका नाम लो और तुरंत कनेक्ट हो जायेगा और कर लो बात। मत भूलिए की महाभारत में संजय ने लाइव टेलेकास्ट किया था ।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा आलेख
ReplyDeleteआपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें ।
आपको २६ जनवरी की बहुत बहुत बधाई ........
ReplyDeleteNaye purane kee achhee jugal badi laga dee!
ReplyDeleteआज के इस युग में कोई ताज्जुब नहीं कि कल को ऎसा कुछ देखने को मिल जाए......
ReplyDeleteवाह बहुत ही सुन्दर आलेख ! आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteवाह! बैठे-बिठाले क्या खूब सोंच लेते हैं आप! वाकई जीनियस का दिमाग पाया है. इस दिमाग का रजिस्ट्रेशन कराया की नहीं ...? मेरी तो नजर लग गयी इस पर.
ReplyDelete.... बहुत खूब !!!
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