राजनीति एक घीनौना और गंदा काम है कहकर हम पल्ला झाड लेते हैं | खुद कोई इसमें उतरकर सफाई करना नहीं चाहता| जो अच्छे व्यक्ति हैं जो भारत के लिए महान सोच रखते हैं जिनको पब्लिक जानती है,
अगर भूल से कोई अच्छा व्यक्ति अच्छे मनसूबे लेकर जाता है भी है तो उसकी सारी पब्लिसिटी का मटियामेट करने में हम चारों तरफ से जुट जाते हैं |अरे इतना अच्छा व्यक्ति इसको राजनीति में नहीं जाना चाहिए था.....इसने बहुत गलत किया, अपने पैरों पर कुल्हाड़ा मारा है वगेरह वगेरह|
मैं सचिन की बात नहीं कर रहा, मैं बाबा राम देव के बारे में अपनी व्यक्तिगत राय ये रखता हूँ की वो राजनीति में आयें |
सिर्फ योगा और जड़ी बुन्तीयाँ और अच्छे भाषण से कुछ नहीं होने वाला | अच्छे भाषणों पर लोग तालियाँ तो बजाते हैं और वाह वाही भी करते हैं पर फलदायक कुछ नहीं करते |
सिर्फ अपने स्वास्थ्य को बनाने के लिए प्रयाश करते है| यही जो ताली बजाते हैं और वाह वाही करते हैं वही बाबजी को गलियाँ देनें से बाज नहीं आये जब राम लीला मैदान में भयानक काण्ड हुआ था | कुछेक को छोड़ कर सबने भर्त्सना की थी |
बाबा को राजनीति से क्या लेना!!! रामदेवजी ने ये अच्छा नहीं किया वगेरह वगेरह .. और कुछ चमचे चेन्नल जिन्होंने बाबाजी को बदनाम करने में खून पसीना एक कर दिया | पर क्या बाबाजी खाली योगासन सिखा कर ही भारत को स्वस्थ बना सकते हैं? अगर भारत को गन्दी राजनीति से उबारना है तो ऐसे ही किसी महापुरुस को गटर में उतरना होगा और गन्दगी को तरीके से तरतीब से अपनी सूझ बुझ केमिकल से, साफ़ करना होगा| वो चाहे बाबाजी हो या सचिन तेंदुलकर हो या एनी कोई भारत का सच्चा सपूत हो| लच्छे दार भाषा शैली का उपयोग करना mujhe नहीं आता पर अपने मन की भडास मैं एक साधारण बोलचाली वाली भाषा में भी निकाल सकता हूँ और अंत में उनकी घोर निंदा करता हूँ जो राजनीति को गंदा मानते हैं पर गन्दगी को साफ़ करने वालों का भी साथ नहीं देते .... जय भारत .. जय हिंद ...
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