मैं बोल्यो: बाबाजी आपको ही इतने दुःख क्यों दिखाई दे रहे हैं|
बाबाजी : सब ग्रहों का चक्कर है |
मैं बोल्यो:बाबाजी आप क्या अन्तरिक्ष में रहते हैं?|
बाबा : देखो बच्चा ये शनि यन्त्र ले जाओ इससे शनि शांत रहेगा |
मैं बोल्यो:बाबाजी ये कोई शनि महाराज का रिमोट है क्या आप तो शनि से भी तगड़े हो|
बाबाजी:शनिवार के दिन काला वस्त्र धारण करना |
मैं बोल्यो :क्यों बाबाजी शनि महाराज सांड हैं क्या जो लाल रंग से चिढ जायेंगे|
बाबाओं से मुझे लगता है वो दिन दूर नहीं जब बाबा कहेंगे: देखो बच्चा ए.सी कोइसा लो, टी.वी कोइसा लो पर सिम हमेशां एयरटेल का ही लेना |
मैं बोल्यो: बाबाजी वो दुसरे पंडाल वाले बाबा तो रिलायंस का लेने को कह रहे थे |
बाबा: देखो बच्चा एयरटेल में अस .टी.डी दर बहुत कम है और प्रभु प्रशन्न होते हैं |
मैं बोल्यो: कमाल है बाबाजी इससे प्रभु का क्या कनेक्शन |
बाबा : ज्ञान की गुह्य गति को समझो मुर्ख |
मैं बोल्यो : समझा दो प्रभु |
बाबा: अरे मुर्ख जो भी मोबाइल में काल आती है वो आसमान से आती है |
मैं बोल्यो : तो? बाबा: अरे नासमझ इसी आसमान के मिलावट से शरीर बना है मतलब प्रभु का अंश है |
मैं बोल्यो: वो तो सब मोबाइल में ही अता है |
बाबा: यही तो बात है बच्चा|
मैं बोल्यो : इब इसमें के बात है ?
बाबा: बच्चा एयरटेल का नेटवर्क इतना तगड़ा है की इसमे ज्यादा आसमानी शक्ति आती है और काल स्पष्ट सुनाई देती है |
मैं बोल्यो: ओह तो बाबा बी.एस.एन.एल. तो फिर और तगड़ा होता होगा |
बाबा: अरे कोई इस नासमझ को समझाओ |
मैं बोल्यो: बाबाजी तो आप है ? बाबजी: तो?
मैं बोल्यो: तो आप ही समझा दो |
बाबजी :अरे मुर्ख बालक ! बी.एस.एन.एल सरकारी है और सरकारी दफ्तरों में घुस और हराम का माल ज्यादा खाते है | इसलिए उसमें आसमानी शक्ति बिलकुल नहीं आती है |
मैं बोल्यो: कमाल है बाबाजी अब एक बात और बता दीजिये ?
बाबा: पूछ |
मैं बोल्यो: ये सिम कहाँ मिले ?
बाबाजी अपने झोले में से निकाल के: ले बच्चा |
मैं बोल्यो: बाबाजी फार्म ?
बाबजी : बच्चा बाद में भर देना पर पैसे अभी दे दो |
मैं बोल्यो : अगर बाद मैं ना भरूं तो ?
बाबाजी: वो मैं अपने आप ही भरवा ल्यंगा |
मैं बोल्यो : बाबाजी अब जाता जाता एक बात और बता दयों|
बाबजी : पूछ ले बच्चा | मैं बोल्यो : और के के सामान बेचो हो |
मैं तो सोचा बाबाजी नाराज हो जायेंगे पर नहीं बाबाजी ने अपना मेनू पकडा दिया |
| जय हो |
|| इति :||
बहुत बढ़िया प्रतीक जी,
ReplyDeleteआज हम लोग विज्ञान के युग में जिस तरह से इस बाबा जी के तरफ आकर्षित हो रहे है.. एक दिन हर काम बाबा जी से ही पूछ कर करना पड़ेगा...सुंदर प्रसंग..धन्यवाद
बाबा जी की जय हो.
ReplyDeleteलगता है अब मुझे बाबा ही बनाना पडेगा, मेहनत कर के तो अमीर नही बन पाया, दो चार चेले मिल जाये चालू टाईप के तो सोचता हुं, पहले चेले के तोर पर तो मेने Murari Pareek का नाम लिख लिया है... एक आधा नेता फ़ंस जाये तो जमीन भी मुफ़्त मे मिल सकती है:)
ReplyDeleteभई ये अच्छी बात नहीं हैं। आप तो बाबा जी के चक्कर में शनिदेव को भी लपेटे में लेने लगे....थोडा ध्यान दीजिएगा,अभी आपकी साढेसाती खत्म नहीं हुई है:))
ReplyDeleteकहीं पता चले कि मुरारी जी शनिवार ब्लाग लिखना छोडकर शनि मन्दिर में तेल के दीये जलाते नजर आएँ...हा.हा.हा
सच में इब तो बाब्बा बण जाने में ही भलाई दीखे है .......
ReplyDeleteओहो !!! साबूदाना ऐसे बनता है?
ReplyDeleteसे इधर आई तो बाबा मिल गये .....क्या कमाल के बाबा हैं ....कोर पोरा धरी आनिले ...?
सीरियाखाना पोरा ने की ...?मोर करने उ एटा लोई लोबो लागिसिल सिम....!!
हा हा मुरारी भाई क्या बढ़िया माध्यम चुना आपने अपनी बहुमूल्य बात पेश करने का। बहुत आनन्द आ गया लेख पढ़कर।
ReplyDeleteबाबा और एअरटेल की सिम- बहुत खूब.
ReplyDeleteवाह वाह अच्छा व्यंग्य किया है. आपके ब्लाग पर आकर अच्छा लगा. जय हो!
ReplyDeleteइस बैज्ञानिक युग में, प्रभु को न मानने वाले भी, उसके अस्तित्व को नकारने वाले भी सेल बढ़ने के लिए बाबाओं का प्रयोग भगवन के नाम पर कर क्या सन्देश देना चाहते हैं.....................
ReplyDeleteप्रस्तुति रोचक, प्रभावशाली रही.
हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
Achha Vyangya ban pada hai. Maja aya
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