रुब-रु !!
कार्यक्रम का नाम : Evening mantra / Spandan
समय : 4:00 Pm to 7:00 Pm
वार : Mon to Friday
Sapnadan timing : Saturday 7:00PM to 10:00 PM
रुब-रु में आज मिलाते है हम आपको, सिक्किम के एक ऐसे आर जे से जिनके मंत्रों की शक्ति से मंत्र मुग्ध हो जाते हैं श्रोता !! ये बाबा बड़े ही निराले है जो श्रोताओं को मौज मस्ती का पाठ पढाते हैं, आइये इन बाबाजी से कुछ पूछ ताछ कर ही लेते हैं !
मुरारी : हर दिल अजीज, पहुची हुई चीज, मौज मस्ती के बाबाजी को शाष्टांग प्रणाम मुनिराज बिस्वा !!
बिस्वा: हा. हा.. ये क्या कह रहे हैं आप |
मुरारी: जी क्या करूँ मेरे अन्दर हंशी के कीटाणु कुछ ज्यादा संक्रामक हो जाते है जब आपसे मिलता हूँ |
बिस्वा: आप कोई कीटनाशक क्यों नहीं लेते हा..हा.. हा..!
मुरारी : आप तो मेरा काम तमाम करने पर उतारू हो गए, चलिए इस मटर गश्ती को बंद करके कुछ आपको खंखोलते हैं |
बिस्वा: जी मैं तैयार हूँ !
मुरारी: तो सबसे पहले आप यही बताइये की ये आर जेइन्ग का कीडा कब से आपके अन्दर बुदबुदाने लगा था?
बिस्वा: आज से लगभग तीन साल पहले|
मुरारी: क्यों लगा की आप R.J ही बनेंगे कुछ और नहीं ?
बिस्वा: मेरे अंदर एक कलाकार था जो लोगों के सामने आना चाहता था !
मुरारी: क्या बचपन से ही कला के वाइरस आपमें थे? या अचानक किसी के सानिध्य में आकर संक्रमित हुए ? कहीं ये रोग वंशानुगत तो नहीं ?
बिस्वा: नहीं .. नहीं वंशानुगत नहीं, बचपन में तो मैं बहुत शर्मिला और झेंपू किस्म का था, १०वि कक्षा के बाद दोस्तों के सानिध्य में आकर कला की इच्छा जागृत हुई, और मैंने गाना सीखना शुरू किया |
मुरारी: किस किस्म का संगीत आपको पसंद है?
बिस्वा: सभी प्रकार के विशेष कर पाश्चात्य संगीत |
मुरारी: कुछ गुनगुनाते भी है पाश्चात्य में ?
बिस्वा: हाँ, गुनगुनाता तो अवश्य हूँ | क्योंकि हमारी स्टेशन का tagline ही है गुनगुनाते रहो !
मुरारी : कोनसा गाना विशेषकर गुनगुनाते हैं?
बिस्वा : the song name is patience. which i always like to sing.
मुरारी : आपने यहाँ से पहले भी कहीं और भी अपनी बिमारी को फैलाया है, मतलब किसी दुसरे रेडियो स्टेशन पे आपने काम किया है ?
बिस्वा: हाँ आपने कुछ वाइरस मैंने आल इंडिया रेडियो Kurseong, Darjeeling, से भी फैलाए थे मतलब वहाँ भी as an RJ कार्य रत था |
मुरारी: अगर आप को खुला छोड़ दिया जाए ? सांड की तरह नहीं, मेरे कहने का मतलब अगर आप को पूरी आज़ादी दे दी जाये की, जाइए अपने मन मर्जी का शो कीजिये, और अपनी मन मर्जी के गीत बजाइए तो उसकी रूप रेखा क्या होगी ?
बिस्वा: अगर मुझे खुला छोड़ दिया जाये तो एक ऐसा कार्य क्रम करूंगा जिसमे हर वर्ग के लिए मशाला होगा, खिचडी की तरह स्वादिष्ट, लिंगो सब मिला जुला इंग्लिश हिंदी और नेपाली, और गाने भी मिले जुले हिंदी इंग्लिश और नेपाली|
मुरारी: और समय कोनसा मांगेंगे कितने घंटे?
बिस्वा: 2 घंटे का कार्यक्रम करना चाहूंगा शाम ५ बजे से ७ बजे तक |
मुरारी: आप बोलने में कितना वक़्त लेना चाहेंगे मतलब आपकी लाइनर कितने मिनट या सेकंड की पसंदीदा होगी ?
बिस्वा: बोलने की बात ये है की इतना बोलूं की लोग सिर्फ पके नहीं एंजाय करें लगभग २ या ३ मिनट, fully bindaas.
मुरारी: "इवनिंग मंत्र " जो आप शो करते हैं वो आप एन्जॉय करते हैं ?
बिस्वा: जब Show की शुरुआत की थी तो थोडी दिक्कत हुई थी, क्योंकि जैसा शो था, उसके अनुरूप मुझे ढलने में थोडा समय लगा था, लेकिन समय के साथ साथ इसमें ढल रहा हूँ अभी अन्जोय करता हूँ, और जैसे जैसे समय बीतता जायेगा ज्यादा एन्जॉय करूंगा|
मुरारी: क्या बदलाव चाहते है "Evening Mantra" में ?
बिस्वा: समय की सीमा कुछ कम की जाय यानी दो घंटा ! और बोलने का वक़्त ज्यादा दिया जाए जिससे अपनी भावनाओं को पूरी तरह श्रोताओं के साथ share कर सकूँ |
मुरारी: आपका कार्यक्रम कोई क्यों सुने ?
बिस्वा: इस बात में दम है, जैसा की आप अच्छी तरह जानते हैं आज के श्रोता ज्ञान के भूखे नहीं है, सब इंटरटेनमेंट करना चाहते हैं , और मेरे शो में फुल मस्ती और धमाल है, जो की मैं खुद बेवकूफ बनके भी श्रोताओं को हंशाता हूँ| मुरारी: चलिए ये तो कार्य क्रम से सम्बंधित बातें थी ! अब कुछ पर्सनल हो जाते है | आप देखने में तो बहुत इंटेलिजेंट हैं ! कभी कोई ऐसी हरकत हुई जिससे आपको लगा की आप बेवकूफ बन गए ?
बिस्वा: जी जी ऐसी कई घटना मेरे साथ हुई है, सबसे रोचक एक वाकया हुआ था जिसमे में बेवकूफ सा ही बन गया था |
मुरारी : उस हरकत के बारे में जानना चाहूँगा बिस्वा ! बिस्वा : क्यों उतार रहे हैं ?
मुरारी: बताना तो पडेगा गुरु!!
बिस्वा: चलिए फिर बता ही देता हूँ |
मुरारी : हाँ शुरू हो जाओ गुरु!!
बिस्वा: एक बार जब पुरे परिवार के साथ साउथ की शेर को गए थे| लौटते वक़्त कलकत्ता रुके वहाँ साल्ट लेक भी घूमना था , वहाँ पर एक वाटर पार्क था, जहा स्विमिंग पुल था और कृत्रिम लहरें आती थी समुद्र की लहरों की तरह,
मुरारी : तो?
बिस्वा: तो मैंने भी सोचा कुछ स्विमिंग का आनंद उठाया जाय, लेकिन समस्या ये की तैरना नहीं आता था|
मुरारी: जब तैरना नहीं अता था तो किस प्रकार आनंद उठाया?
बिस्वा: उसका समाधान था ट्यूब, जिस पर लेट कर मैं उतर गया आनंद लेने | बड़ा ही आनंद आ रहा था पूरा रिलेक्स होकर आराम पूर्वक ट्यूब पर लेट गया, और पता ही नहीं चला की मैं कब एकदम गहराई वाले क्षेत्र में पहुँच गया |एक दम निश्चिंत| अचानक कृत्रिम लहर चलाई गयी ? चूँकि में रिलेक्स था अचानक आई लहर ने मुझे उलट कर रख दिया ! पर ट्यूब मैंने कस कर पकड़ रखा था| अब मैं डूब रहा हूँ मेरी शांश उखड रही है न जाने कितना उस स्विमिंग पुल का पानी मैं पि चुका था| पर मेरी और किसी का ध्यान नहीं, लाइफ गार्ड ने मुझे देखा और देख कर नजरअंदाज कर दिया की कितनी मस्ती में खेल रहा है | उनको क्या पता की जो खेल रहा है वो क्या झेल रहा है, घर के सारे रिश्ते नाते आँखों के सामने घूम रहे थे, लग रहा था ये आखिरी वक़्त है, उस समय मैंने महसूस किया की जो कभी भूले से भी याद नहीं आते थे वो भी उस वक़्त याद आ रहे थे, मैं गुडुप गुडुप करता रहा किसी ने ध्यान नहीं दिया हालाँकि लाइफ गार्डों ने कई बार देखा, मैंने हिम्मत जुटाई हाथ पाँव मरता रहा अब जैसे ही थोडा पानी से ऊपर आया, जोर से चिल्लाया : बचाओ बचाओ !!! तभी एक लड़की मेरे करीब आई और मुझे खींच कर बोली क्या है क्यों चिल्ला रहे हो | निचे देखो जमीं पर खड़े हो !! मैंने निचे देखा सचमुच मैं जमीं पे ही खडा था !! अब उससे क्या कहूँ ?? की हाथ पैर मार के कब यहाँ पहुंचा पता ही नहीं चला, सब मेरी और देख के हंस रहे थे | चुप चाप बाहर निकला और शर्मा कर बैठ गया| फिर कभी पानी के अन्दर नहीं गया| लोग बार बार मुझे देख कर हंस रहे थे जैसे मैं कोई अजायब घर का अनोखा प्राणी हूँ !
मुरारी : हा.हा.हा.हे.हे..ही.
बिस्वा: कमाल है पहले तो सारी बात उगला ली फिर बतीशी का सेट चमका रहे हो !!
मुरारी: हा..हा. सचमुच बहुत ही दिलचस्प वाकिया था बिस्वा ! मजा आया आपके साथ बात चित करके अब चलें?
बिस्वा: कहाँ?
मुरारी: किसी स्विमिंग पूल में लहरों वाले |
बिस्वा: just stop it, and see u !!
MurarI: ok Thanks Bishwa
rubru ka idea aur uska prastutikaran achha laga
ReplyDeleteरुबरु में बिस्वा से मिलकर आनन्द आ गया. एकदम लाईव टेलीकास्ट लग रहा था. बधाई.
ReplyDeleteHead Phone dekhte hi man khush ho jaata hai ham bhi to Radiowaale hain...
ReplyDeleteru-b-ru ka sakshaatkaar to bahut hi sahi laga..
swaal jawaab ka taar-tamya mudit karnewaala aur haazir jawaabi ro bas kamaal ki..
bahut khoob...
बिस्वा के साथ यह मुलाकात काफी रोचक रही ।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति ।
http://gunjanugunj.blogspot.com
वाह अत्यन्त सुंदर प्रस्तुती! बहत बढ़िया लगा साक्षात्कार, मानो जैसे एकदम लाइव टेलीकास्ट हो रहा हो ! बिस्वा जी से मिलकर बहुत अच्छा लगा!
ReplyDeleteवाह कमाल का प्रस्तुतिकरण किया आपने. बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
Bas hahaha ke alawa kuchh aur soojh nahee raha...khush kar diya...bina prescription ke keetak nashak naa len!
ReplyDeleteEk chalat chitr aankhon ke ssamne aa gaya..besakhta hanstee chalee gayee..
बिस्वा जी से मिलकर अच्छा लगा!
ReplyDeleteबहत सुंदर साक्षात्कार
सुंदर प्रस्तुति ।
बधाई.
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क्रियेटिव मंच
बिस्वा जी से मिल कर मजा आ गया, बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteआप का धन्यवाद
भई वाह्! ये साक्षात्कार तो कमाल का है । एकदम रोचक प्रस्तुतिकरण...
ReplyDeleteबिस्वा जी वाकई लाजवाब व्यक्ति हैं।
ReplyDelete----------
डिस्कस लगाएं, सुरक्षित कमेंट पाएँ
बिस्वा के साथ लाईव टेलीकास्ट कमाल का है भई.......
ReplyDeleteबहुत बढिया साक्षात्कार .. आज मेरी उपस्थिति दर्ज कर लें .. टिप्पणी कल से !!
ReplyDeleteसुख, समृद्धि और शान्ति का आगमन हो
ReplyDeleteजीवन प्रकाश से आलोकित हो !
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दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
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क्रियेटिव मंच
"आओ मिल कर फूल खिलाएं, रंग सजाएं आँगन में
ReplyDeleteदीवाली के पावन में , एक दीप जलाएं आंगन में "
......दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ |
bahut achchha interveiw hai.
ReplyDeleteabhar prastuti ke liye.
aaj दीवाली है,इसी शुभ अवसर पर आप को दीवाली की ढेर सारी शुभकामनायें.
ईश्वर करे हर ओर रोशनी केवल इस एक दिन नहीं ,हर दिन रोशनी हर घर आँगन में ऐसे ही जगमगाती रहे.
दीवाली की ढेर सारी शुभकामनायें.
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDelete..
ReplyDeleteमगर दीप की दीप्ति से सिर्फ जग में ,नहीं मिट सका है धरा का अँधेरा
उतर क्यों न आयें नखत सब गगन के,नहीं कर सकेंगे ह्रदय में उजेरा
कटेगी तभी ये अंधेरी घिरी जब ,स्वयं धर मनुज दीप का रूप आये
दीवाली मुबारक
इस रोचक प्रस्तुतीकरण से कुछ पूत के पाँव पालने में ही नज़र आ रहे हैं
शुभकामनाएं
बिस्वा जी के साथ यह मुलाकात आपने अपने प्रयासों से काफी रोचक बना दी.।
ReplyDeleteलाइव टेलीकास्ट जैसा.
हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
Comment itminaan se doongee...pahle janam din kee badhayee ka shukriya ata kartee hun!
ReplyDeletehaardik badhai ,ru-b-ru ----aapka ye program laazwaab raha mano ru -b ru hi raha ,mujhe blog par hone ka ahsaas hi nahi hua .saath hi aanandyukt
ReplyDeleteha -- ha-- ha-- ha--
ReplyDeletemaja aa gayaa , bisva ke saath sweemong pull ka saphar tay karke . bada hi rochak lagaa live sakshatkar .
ham bhi aa gaye ha -ha, hi- hi karane......
Janam din kee badhayee ke liye tahe dilse shukriya..waise mai samajh nahee paa rahee hun ki, ye baat pahle do tippanee karon ko pata kaise chalee!!
ReplyDeletehttp://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
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http://baagwaanee-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
achha lga.....
ReplyDeleteआपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! शायद आप काम में व्यस्त होंगे इसलिए आपने कोई नया पोस्ट नहीं किया ! इंतज़ार है आपके नए पोस्ट का!
ReplyDeleteआइयोई देही ......!!
ReplyDeleteखूब भाल लागिल आपोनर लेखा ......!!
कमाल का इंटरवियू .....!!
काफी दिन हो गए आपने कोई नया पोस्ट नहीं किया शायद काम में बहुत व्यस्त होंगे ! मैंने नया पोस्ट किया है मेरे ब्लॉग पर आइयेगा जब आपको वक्त मिले !
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