Sunday, January 17, 2010

जिंदगी इको है यानी गूंज है!!!

☃ ये कहानी मुझे गूगल के जरिये सर्च करने पर मिली !! जिसने भी लिखी है बहुत सुन्दर है!!!

4 comments:

  1. बहुत बढ़िया! अगर आप इसे प्रतिध्वनित ना करते तो गूगल मे ही कही खो जाता और हम इस गूंज को सुनने से से वंचित रहते. आभार!

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  2. Sachme bahut badhiya hai! Ham kahan google me ise khojne jate!

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  3. काश इस बात को सब समझ पाते .. जैसा व्‍यवहार वो दूसरों के साथ करते हैं .. वैसा ही सब करने लगें .. तो उन्‍हें कैसा लगेगा .. सचमुच बहुत अच्‍छी कहानी .. बच्‍चें को संस्‍कार तो अभिभावक ही दे सकते हैं !!

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आपके लिए ही लिखा है आप ने टिपण्णी की धन्यवाद !!!