घर आजा परदेशी तेरा देश बुलावे ||
वो सुनहले धोरे कितना मुझको मिस करते है|
कब आवोगे साथी मनमे कितना रिस करते हैं ||
जाने कब आये ये फरवरी ११ का दिन |
एक एक साल लगे है हर पल हर छीन||
कुछ दिन कुछ ना कहूंगा |
दिल के करीब ब्लॉग से दूर रहूंगा !!!
कहें अपनी बात सीधी दिल की||
शुभ यात्रा मुरारी भाई !
ReplyDeleteयह मिस करते है वाला प्रयोग अच्छा लगा ..कब तक वापसी है ?
ReplyDeleteअच्छा है भाई मौज करें.
ReplyDeleteतो वाया लखनऊ मिल रहे हैं ना?
ReplyDeleteआपका यात्रा शुभ हो और आप हर दिन ख़ुशी से बितायें! जल्द आइयेगा और आपके नए पोस्ट का इंतज़ार रहेगा!
ReplyDeleteशुभ यात्रा के लिये मंगल कामनायें
ReplyDeleteआपकी यात्रा मंगलमय हो !!
ReplyDeleteआकर गांव के बारे में बताइयेगा।
ReplyDeleteआपकी यात्रा शुभ हो .... घर में सब कुशल मंगल हो ......
ReplyDeleteवापसी का इंतज़ार कर रहा हूँ.
ReplyDeleteशुभ शुभ.
Khoob manao chhutee...!
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